Tuesday, February 22, 2022

तन, मन और वनस्पति के साथ समन्वय के रंगों पर विशेष

22nd February 2022 at 05:23 PM

 औषधीय पौधों के रूप में मिला जीवनदान 


जयपुर
: 22 फरवरी 2022: (मन के रंग//राजस्थान स्क्रीन)::

Pexels-Photo By Ennie Horvathy
राज्य के औषधीय पौधे गुणवत्ता एवं विविधता के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं। कोरोना काल के दौर में इन औषधीय पौधो की महत्ता और बढ़ी है। राज्य सरकार द्वारा इसी महत्ता को समझते हुए आमजन की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए ‘घर घर औषधि योजना की शरुआत की गई। इस योजना के माध्यम से तुलसी, गिलोय, अश्वगंधा तथा कालमेघ के पौधे आमजन को वितरित किए गए।

जन स्वास्थ्य में बेहतर सुधार के लिए सरकार द्वारा औषधीय पौधों के रूप में घर-घर तक सेहत की ‘संजीवनी’ पहुंचाई गई। पूरे प्रदेश में संचालित हो रही घर-घर औषधि योजना के तहत विभाग द्वारा पहले वर्ष के पौध वितरण का लक्ष्य शत-प्रतिशत पूर्ण कर लिया गया है। इसके साथ ही सभी जिलों में आगामी वर्ष के लिए तैयारियां जारी हैं। सम्पूर्ण वन विभाग के प्रयासों की बदौलत ही प्रदेश भर में औषधीय पौधों की 63 लाख से अधिक किट्स का वितरण किया जा चुका है।

प्रदेश के आधे परिवारों तक योजना में देय चारों प्रजातियों के औषधीय पौधे पहुंचाए गए हैं। संपूर्ण वन विभाग और राज्य के सभी विभागों के प्रयासों की बदौलत पहले वर्ष का पौध वितरण लक्ष्य पूर्ण हो गया है। पहले वर्ष प्रदेश के आधे परिवारों तक तुलसी, गिलोय, अश्वगंधा और कालमेघ के 2-2 सहित कुल 8 औषधीय पौधे पहुंचाए गए हैं। दूसरे वर्ष में प्रदेश के आधे परिवारों तक औषधीय पौधे पहुंचाए जाएंगे। पांच वर्षीय इस योजना के तीसरे साल में सभी परिवारों तक और उसके बाद के 2 वर्षों में आधे-आधे परिवारों तक औषधीय पौधे पहुंचाए जाएंगे। इस तरह से 5 वर्षों में सभी परिवारों को तीन बार 4 प्रजातियों तुलसी, अश्वगंधा, कालमेघ और गिलोय के कुल 24 औषधीय पौधे दिए जाएंगे।

210 करोड रूपए की लागत वाली यह योजना अपनी तरह की देशभर में अनूठी योजना है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय प्रबोधन समिति द्वारा योजना के सफल क्रियान्वयन के लिये निरंतर बैठकें लेकर अधिकारियों से गंभीर विचार-विमर्श किया गया। इसी तरह योजना के बारे में जन-जन तक जानकारी पहुंचाने और आमजन को औषधीय पौधों के संरक्षण तथा उपयोग के प्रति जागरूक करने के लिए आईईसी कमेटी के प्रयास भी सराहनीय रहे।

योजना के माध्यम से राज्य में औषधीय पौधों को उगाने के इच्छुक परिवारों को स्वास्थ्य रक्षण हेतु बहु-उपयोगी औषधीय पौध वन विभाग की पौधाशालाओं से उपलब्ध करवाए गए। साथ ही लोगो की प्रतिरक्षण (इम्युनिटी) क्षमता बढ़ाने तथा चिकित्सा हेतु बहु-उपयोगी औषधीय पौधों की उपयोगिता के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार किया गया। जिला प्रशासन व वन विभाग के नेतृत्व में, जन-प्रतिनिधि लोगो, पंचायत संस्थाओं, विभिन्न सरकारी विभागों व संस्थानों, विद्यालयों, और उद्योग इत्यादि का सहयोग लेकर जन- अभियान के रूप में योजना का क्रियान्वयन किया गया।

वन विभाग की पौधशालाओं में पौधे तैयार करने के बाद जिला स्तरीय टास्क फोर्स के सहयोग से पौधे आमजन को उपलब्ध करवाए गए। पौध वितरण के समय लाभार्थी के जन आधार कार्ड अथवा आधार कार्ड की जानकारी संधारित की गई ताकि योजना के प्रबोधन और मूल्यांकन में आसानी हो सके। साथ ही औषधीय पौधों के वितरण में पारदर्शिता बनी रहे।

 पूनम खंडेलवाल 

सूचना एवं जनसम्पर्क अधिकारी

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