Saturday, September 14, 2024

मन के रंग तन और माहौल को कैसे प्रभावित करते हैं?

जीवन रहस्य:मन की शक्ति से दुनिया  का सामना आसान हो जाता है 

इस शक्ति को जगाना नामुमकिन नहीं होता थोड़ा मुश्किल बेशक हो 


जंगल के घर ठौर ठिकाने
: 15 मार्च 2024: (कार्तिका कल्याणी सिंह//मन के रंग डेस्क):

तन पर डाले गए बाहरी रंग कैसा असर छोड़ते हैं मन की दुनिया पर 

मन के अंदर सचमुच बहुत शक्तिशाली और रहस्यमय होती   छुपी रहती हैं। सोइ रहती हैं। इस बात का अहसास बार बार महसूस भी हुआ करता है पर फिर भी अधिकतर लोग इस शक्ति से अभिन्न और अनजान से रह जाते हैं।  मन में गम या उदासी वाली कोई ऐसी बात उठती कि तन थक हार कर बैठ जाता। या फिर उदास करने वाला कुछ ऐसा विचार उठता कि निरशा का अंधेरा छाने लगता। कई बार ऐसा भी लगता कि सिर में दर्द सा उठने लगा है।  या फिर कोई और जिस्मानी समस्या खड़ी हो जाती। लगातार बारीकी से नोट किया तो तन के ये सभी झमेले मन की दुनिया से आए हुए लगते थे। चिंता भी हुई दवाओं पर भी सोचा लेकिन किसी सन्यासी मित्र से बात करना उचित लगा।  

उन्होंने कहा कि समस्या का स्रोत तो तुमने पकड़ लिया लेकिन आगे बढना भूल रहे हो। मैं समझ नहीं पाया तो उन्होंने कहा  जहां समस्या का स्रोत है वहीं पर ध्यान केन्द्रित करो। जैसे मन का असर तन पर पड़ता है उसी तरह तन का असर मन पर भी पड़ता है। उन्होंने मुझे कुछ मुद्राएँ और आसन भी बताए और खानपान का मार्गदर्शन भी किया। 

उनकी सलाह के मुताबिक साधक और जिज्ञासु ने हर रोज़ सुबह सुबह की शुद्ध हवा में प्राणायाम और कपालभाति करना शुरू किया। शुरुआत तो ज्यादा से ज़्यादा दस मिनट तक के समय से की गई थी लेकिन कुछ ही दिनों में यह समय बढ़ता  बढ़ता डेढ़ घंटे तक पहुंच गया। 

चेहरे पर रौनक और चमक भी बढ़ने लगी। आंखों के नीचे बने हुए काले से घेरे समाप्त होने लगे। दिन के समय सफ़र और काम के दौरान बार बार नींद का योर कम होने लगा और बिलकुल समाप्त भी गया। रात को नींद बड़े अनुशं से आनी शुरू हो गई। रत भर आराम की नींद का आनंदलेने के बाद सुबह सुबह साढ़े चार बजे बिना किसी अलार्म के नींद भी खुलने लगी। उठते समय ताज़गी का अहसास बढ़ने लगा। थकावट खत्म हो गई थी कब्ज़ की समस्या भी दूर होने लगी। इन रंगों का अब हर रॉय मिलने वाले भी नोटिस लेने लगे। 

बस इसी सादगी भरे प्रयोग से पता चला कि तन-मन और अंतरात्मा कितने अदृश्य धागे से बंधे होते हैं आपस में। कितनी मज़बूती के साथ है यह तारतम्य। अब इसे कोई सूक्ष्म शरीर कह ले या कुछ और लेकिन तन-मन और अंतरात्मा में कोई राबता तो जरुर है। 

इसके इलावा भी मन के रंग को तन और माहौल से प्रभावित करने में कई कारक होते हैं। यहां कुछ मुख्य कारक दिए गए हैं। समय और जगह की कमी के कारण संक्षिप्त चर्चा  ही रहेगी क्यूंकि इन सभी मुद्दों पर अलग से किताब भी बन सकती है। मन के रंग बहुत गहरे होते हैं और  मन की शक्ति का स्रोत भी होते हैं। 

इसी तरह अहमियत तो तन की भी कम नहीं होती है। तन पर भी बारीकी से सतर्क नज़र रखनी ही उचित रहती है। तन मन की इस दुनिया के अनुभवी लोगों के लोगों के अनुभव बताते हैं आपका शारीरिक स्वास्थ्य मन के रंग को प्रभावित करता है। योग, ध्यान, नियमित व्यायाम, और स्वस्थ आहार आपके मन को शांति, सकारात्मकता, और संतुलन प्रदान कर सकते हैं।

अधिकतम विश्राम और नींद के लिए भी ध्यान देना महत्वपूर्ण है। नींद की कमी मन को अधिक चिंतित और थका दिखा सकती है। लेकिन नींद की अधिकतता भी समस्या खड़ी कर सकती है। संतुलित सोना ही उचित रहता है। संतुलित भोजन और संतुलित व्यायाम आवश्यक होते हैं। 

शारीरिक रंगों और तरंगों का भी बहुत महत्व होता है। इनमें भी अपने मन और दूसरों के मन को प्रभावित करने की क्षमता होती है। उत्तेजित करने वाले रंगों का उपयोग करना मन को जागरूक कर सकता है, जबकि शांति और शांति के लिए हलके और शांत रंगों का उपयोग किया जा सकता है।

माहौल भी इस संबंध में असर डालता है। माहौल से मन के मूड में तब्दीली आती है। मन अधिक उत्साह में भी आ सकता है और निराशा में भी जा सकता है। इसमें शक्तियां जाग सकती हैं। इसीलिए साधना के लिए आवश्यक माहौल ढूंढ़ना या बनाना पड़ता है। 

आपके आसपास का माहौल मन के रंग को सीधे प्रभावित करता है। सकारात्मक और  सच्चे सहयोगी लोग, सुरक्षित और स्वागतमयी माहौल, और उत्सवी और प्रेरणादायक स्थितियाँ मन को उत्साहित कर सकती हैं। मन की रचनात्मकता बढ़ जाती है। 

विनाशकारी और नकारात्मक माहौल, तनाव, असुरक्षित स्थितियाँ, और नकारात्मक व्यक्तियों का सामना करने पर मन को परेशान और अस्वस्थ महसूस हो सकता है। इस माहौल का बहुत बुरा असर पढता है। इससे बचना ही उचित होता है। 

भवनों, कार्यालयों, और आवास की वातावरण का भी महत्व होता है। प्राकृतिक प्रकाश, हवा, और स्थिति की सफलता और संजीदगी आपके मन के रंग को प्रभावित कर सकती है।

मन के रंग को प्रभावित करने का यह प्रकार शारीरिक और मानसिक स्तर पर एक संतुलित जीवन जीने के माध्यम से किया जा सकता है। ध्यान देने योग्य माहौल, स्वस्थ आहार, और सकारात्मक विचार योग्य तरीके हैं जिनसे आप अपने मन के रंग को सुन्दर और सकारात्मक बना सकते हैं।

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